वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मेलबर्न
Updated Thu, 04 Jun 2020 06:57 PM IST
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को गर्मागर्म समोसे और आम की स्वादिष्ट चटनी का लुत्फ उठाया। इसके बाद उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से वादा किया कि अगली बार व्यक्तिगत रूप से मिलने से पहले वह अपनी रसोई में गुजराती खिचड़ी पकाएंगे। दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया के प्रथम वर्चुअल (आभासी) शिखर सम्मेलन के दौरान ऐसे ही कुछ हल्के-फुल्के पल साझा किए।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी द्वारा ‘होलोग्राम’ तकनीक से किए गए चुनाव प्रचार का जिक्र करते हुए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह मुझे चौंकाता नहीं है कि इन परिस्थितियों में हम किस तरह से (वर्चुअल) मिलना जारी रखेंगे। आप उनमें से हैं, जिन्होंने होलोग्राम तकनीक का अपने चुनाव प्रचार में कई साल पहले इस्तेमाल किया था। हो सकता है कि अगली बार हमारे पास यहां आपका एक होलोग्राम होगा।’
वर्चुअल मुलाकात समोसा-खिचड़ी कूटनीति के साथ खत्म हुई
मॉरिसन ने कहा, ‘मैं समोसे के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं, सप्ताहांत में इसे लेकर हमने खूब आनंद उठाया है।’ उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी दिली इच्छा थी कि वह उस चीज के लिए वहां पहुंच पाते, जो मोदी की झप्पी के रूप में मशहूर है और आमने सामने की मुलाकात में वह भारतीय समकक्ष से अपना समोसा साझा कर पाते।
आभासी सम्मेलन: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सात अहम समझौतों पर हस्ताक्षर, दो घोषणाएं
उन्होंने कहा, ‘अगली बार, गुजराती खिचड़ी होगी। अगली बार व्यक्तिगत रूप से मिलने से पहले मैं इसे रसोई में पकाने की कोशिश करूंगा।’ मॉरिसन का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपका समोसा भारत में चर्चा का विषय बन गया है। जैसा कि आपने खिचड़ी के बारे में बात की, गुजराती यह जानकर खुश होंगे। ऑस्ट्रेलिया में काफी संख्या में गुजराती रह रहे हैं। हालांकि, खिचड़ी एक बहुत सामान्य व्यंजन है जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गुरुवार को गर्मागर्म समोसे और आम की स्वादिष्ट चटनी का लुत्फ उठाया। इसके बाद उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से वादा किया कि अगली बार व्यक्तिगत रूप से मिलने से पहले वह अपनी रसोई में गुजराती खिचड़ी पकाएंगे। दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया के प्रथम वर्चुअल (आभासी) शिखर सम्मेलन के दौरान ऐसे ही कुछ हल्के-फुल्के पल साझा किए।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी द्वारा ‘होलोग्राम’ तकनीक से किए गए चुनाव प्रचार का जिक्र करते हुए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह मुझे चौंकाता नहीं है कि इन परिस्थितियों में हम किस तरह से (वर्चुअल) मिलना जारी रखेंगे। आप उनमें से हैं, जिन्होंने होलोग्राम तकनीक का अपने चुनाव प्रचार में कई साल पहले इस्तेमाल किया था। हो सकता है कि अगली बार हमारे पास यहां आपका एक होलोग्राम होगा।’
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मॉरिसन ने कहा, ‘मैं समोसे के लिए आपका शुक्रिया अदा करता हूं, सप्ताहांत में इसे लेकर हमने खूब आनंद उठाया है।’ उन्होंने इस बारे में ट्वीट करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी दिली इच्छा थी कि वह उस चीज के लिए वहां पहुंच पाते, जो मोदी की झप्पी के रूप में मशहूर है और आमने सामने की मुलाकात में वह भारतीय समकक्ष से अपना समोसा साझा कर पाते।
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उन्होंने कहा, ‘अगली बार, गुजराती खिचड़ी होगी। अगली बार व्यक्तिगत रूप से मिलने से पहले मैं इसे रसोई में पकाने की कोशिश करूंगा।’ मॉरिसन का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपका समोसा भारत में चर्चा का विषय बन गया है। जैसा कि आपने खिचड़ी के बारे में बात की, गुजराती यह जानकर खुश होंगे। ऑस्ट्रेलिया में काफी संख्या में गुजराती रह रहे हैं। हालांकि, खिचड़ी एक बहुत सामान्य व्यंजन है जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
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