न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Updated Wed, 22 Apr 2020 08:15 PM IST
अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कोरोना वायरस के चलते इस साल 23 जून से शुरू होने वाली यात्रा रद्द करने के फैसले को कुछ ही देर बाद प्रशासन ने फैसला पलट दिया है। जम्मू कश्मीर सूचना निदेशालय ने प्रेस विज्ञप्ति को वापस ले लिया। हाालंकि अभी कुछ भी पूरी तरह साफ नहीं है लेकिन जल्द ही प्रशासन की ओर से नई सूचना जारी की जाएगी।
इससे पहले प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया था। बुधवार को राजभवन में हुई बैठक के बाद श्राइन बोर्ड ने यह फैसला लिया था। इससे पहले यात्रा कई बार यात्रा अन्य कारणों की वजह से बाधित जरूर हुई है लेकिन पूरी तरह से रोक नहीं लगाई गई थी।
उपराज्यपाल, गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा था कि कश्मीर घाटी में 77 रेड जोन क्षेत्र हैं, जहां से यात्रा मार्ग गुजरते हैं। इस महामारी के कारण लंगर की स्थापना, चिकित्सा सुविधा, शिविर स्थापना, सामग्री जुटाना, हिम निकासी आदि संभव नहीं है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा था कि अभी भारत सरकार ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन कर दिय है, लेकिन यह जानना बेहद अप्रत्याशित है कि यह किस दिशा में आगे बढ़ेगा। यत्रियों की सुरक्षा हमारी प्रमुखता है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दुनिया में व्याप्त महामारी की स्थिति के मद्देनजर यह यात्रा साल 2020 में आयोजित करना विवेकपूर्ण नहीं होगा। बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि प्रथम पूजा और सम्पन्न पूजा पारंपरिक उत्साह के साथ की जाएगी।
यह भी तय किया गया कि बोर्ड शिवलिंग की पूजा और दर्शन को ऑनलाइन प्रसारित करने और दुनिया भर के लाखों भक्तों के लिए अन्य मीडिया के माध्यम से इसकी संभावना तलाशेगा।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कोरोना वायरस के चलते इस साल 23 जून से शुरू होने वाली यात्रा रद्द करने के फैसले को कुछ ही देर बाद प्रशासन ने फैसला पलट दिया है। जम्मू कश्मीर सूचना निदेशालय ने प्रेस विज्ञप्ति को वापस ले लिया। हाालंकि अभी कुछ भी पूरी तरह साफ नहीं है लेकिन जल्द ही प्रशासन की ओर से नई सूचना जारी की जाएगी।
इससे पहले प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया था। बुधवार को राजभवन में हुई बैठक के बाद श्राइन बोर्ड ने यह फैसला लिया था। इससे पहले यात्रा कई बार यात्रा अन्य कारणों की वजह से बाधित जरूर हुई है लेकिन पूरी तरह से रोक नहीं लगाई गई थी।
उपराज्यपाल, गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा था कि कश्मीर घाटी में 77 रेड जोन क्षेत्र हैं, जहां से यात्रा मार्ग गुजरते हैं। इस महामारी के कारण लंगर की स्थापना, चिकित्सा सुविधा, शिविर स्थापना, सामग्री जुटाना, हिम निकासी आदि संभव नहीं है। उन्होंने आगे जोर देकर कहा था कि अभी भारत सरकार ने 3 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन कर दिय है, लेकिन यह जानना बेहद अप्रत्याशित है कि यह किस दिशा में आगे बढ़ेगा। यत्रियों की सुरक्षा हमारी प्रमुखता है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दुनिया में व्याप्त महामारी की स्थिति के मद्देनजर यह यात्रा साल 2020 में आयोजित करना विवेकपूर्ण नहीं होगा। बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि प्रथम पूजा और सम्पन्न पूजा पारंपरिक उत्साह के साथ की जाएगी।
यह भी तय किया गया कि बोर्ड शिवलिंग की पूजा और दर्शन को ऑनलाइन प्रसारित करने और दुनिया भर के लाखों भक्तों के लिए अन्य मीडिया के माध्यम से इसकी संभावना तलाशेगा।
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