Lgbtq Community Ott Platform Focused On 20 Lakhs Population – एलजीबीटी समुदाय के लिए अलग से बनेगा ओटीटी एप, देश में 20 लाख के करीब आबादी पर फोकस




एलजीबीटी समुदाय
– फोटो : सोशल मीडिया

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देश में पहली बार एलजीबीटी समुदाय को ध्यान में रखते हुए डिजिटल कंटेंट बनाने की शुरुआत हो रही है। इस समुदाय के लिए बनने वाली फिल्मों, वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्मों को अब एक साथ एक ही जगह देखा जा सकेगा। इस वेबसाइट का पूरा ध्यान एलजीबीटी समुदाय के दर्शकों को अपनी ओर खींचना होगा। यह वेबसाइट समाज में आम लोगों के बीच एलजीबीटी समुदाय के बारे में उनके विचार बदलने की कोशिश करेगी। साथ ही इस दबे पिछड़े समुदाय को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए भी बात करेगी।

भारत सवा अरब से भी ज्यादा आबादी वाला देश है जिसमें समलैंगिक व एलजीबीटी समुदाय की आबादी भी लगभग 20 लाख के आसपास बताई जाती है। इस देश में जब किसी एप्लीकेशन या वेबसाइट पर दो से पांच लाख तक का भी सब्सक्रिप्शन और ट्रैफिक हो जाता है तो उसे सफल एप्लीकेशन और वेबसाइट माना जाता है। अगर एलजीबीटी समुदाय के इन 20 लाख लोगों में से अगर पांच लाख लोग भी खास तौर पर उनके लिए बनी इस वेबसाइट की तरफ आकर्षित होते हैं तो यह छोटे पैमाने पर शुरू हुई वेबसाइट बहुत ही जल्द सफलता अर्जित कर सकती है।

कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने इस वेबसाइट को भली भांति चलाने और लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए दो नए कार्यकारी अधिकारियों को नियुक्त किया है। ये दोनों लोग मिलकर इस वेबसाइट और इसके कंटेंट को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे। एलजीबीटी समुदाय के लिए ये मनोरंजन सामग्री शीघ्र ही सीधे मोबाइल पर उपलब्ध होगी।

देश में पहली बार एलजीबीटी समुदाय को ध्यान में रखते हुए डिजिटल कंटेंट बनाने की शुरुआत हो रही है। इस समुदाय के लिए बनने वाली फिल्मों, वेब सीरीज और शॉर्ट फिल्मों को अब एक साथ एक ही जगह देखा जा सकेगा। इस वेबसाइट का पूरा ध्यान एलजीबीटी समुदाय के दर्शकों को अपनी ओर खींचना होगा। यह वेबसाइट समाज में आम लोगों के बीच एलजीबीटी समुदाय के बारे में उनके विचार बदलने की कोशिश करेगी। साथ ही इस दबे पिछड़े समुदाय को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए भी बात करेगी।

भारत सवा अरब से भी ज्यादा आबादी वाला देश है जिसमें समलैंगिक व एलजीबीटी समुदाय की आबादी भी लगभग 20 लाख के आसपास बताई जाती है। इस देश में जब किसी एप्लीकेशन या वेबसाइट पर दो से पांच लाख तक का भी सब्सक्रिप्शन और ट्रैफिक हो जाता है तो उसे सफल एप्लीकेशन और वेबसाइट माना जाता है। अगर एलजीबीटी समुदाय के इन 20 लाख लोगों में से अगर पांच लाख लोग भी खास तौर पर उनके लिए बनी इस वेबसाइट की तरफ आकर्षित होते हैं तो यह छोटे पैमाने पर शुरू हुई वेबसाइट बहुत ही जल्द सफलता अर्जित कर सकती है।




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