वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Updated Wed, 03 Jun 2020 08:47 PM IST
कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में खटास बढ़ते जा रही है। ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को चीनी एयरलाइंस को अमेरिका में उड़ान भरने से रोक दिया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्रा संबंधित तनाव और बढ़ सकता है।
अमेरिका के परिवहन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने 16 जून से चीनी एयरलाइंस की सभी यात्री उड़ानों को रोकने का फैसला किया है। इसके बाद दोनों तरफ से किसी भी तरह की हवाई यात्रा नहीं हो पाएगी। चीन ने इस हफ्ते अमेरिका की युनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयरलाइंस की उड़ान सेवा शुरू करने की अनुमति नहीं दी थी। इसी के बाद अमेरिका की ओर से यह निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस की वजह से इन विमान सेवाओं को स्थगित कर दिया गया था क्योंकि ये वुहान प्रांत से परिचालित होती थी। अमेरिका के परिवहन विभाग ने कहा कि चीन ने दोनों देशों के बीच अनुबंध का उल्लंघन किया है।
परिवहन विभाग के अनुसार, ‘विभाग अपने चीनी समकक्ष के साथ बातचीत जारी रखेगा ताकि द्विपक्षीय अधिकारों को पूरा किया जा सके। इस बीच हम चीनी विमान को सिर्फ उतने ही यात्रियों को उड़ान भरने की इजाजत देंगे, जितने हमारे नागरिक चीन जा पाएंगे।’
कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में खटास बढ़ते जा रही है। ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को चीनी एयरलाइंस को अमेरिका में उड़ान भरने से रोक दिया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्रा संबंधित तनाव और बढ़ सकता है।
अमेरिका के परिवहन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने 16 जून से चीनी एयरलाइंस की सभी यात्री उड़ानों को रोकने का फैसला किया है। इसके बाद दोनों तरफ से किसी भी तरह की हवाई यात्रा नहीं हो पाएगी। चीन ने इस हफ्ते अमेरिका की युनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयरलाइंस की उड़ान सेवा शुरू करने की अनुमति नहीं दी थी। इसी के बाद अमेरिका की ओर से यह निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस की वजह से इन विमान सेवाओं को स्थगित कर दिया गया था क्योंकि ये वुहान प्रांत से परिचालित होती थी। अमेरिका के परिवहन विभाग ने कहा कि चीन ने दोनों देशों के बीच अनुबंध का उल्लंघन किया है।
परिवहन विभाग के अनुसार, ‘विभाग अपने चीनी समकक्ष के साथ बातचीत जारी रखेगा ताकि द्विपक्षीय अधिकारों को पूरा किया जा सके। इस बीच हम चीनी विमान को सिर्फ उतने ही यात्रियों को उड़ान भरने की इजाजत देंगे, जितने हमारे नागरिक चीन जा पाएंगे।’
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