30 Groups In India Are Trying To Make Corona Virus Vaccine Psa Raghavan – भारत में 30 समूह कोरोना वायरस का टीका बनाने की कोशिश में लगे हैं : पीएसए राघवन




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 28 May 2020 07:09 PM IST

Prof K. Vijay Raghavan
– फोटो : ANI

ख़बर सुनें

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने गुरुवार को कहा कि भारत में करीब 30 समूह कोरोना वायरस के खिलाफ टीका विकसित करने की कोशिश में लगे हैं, जिनमें बड़े उद्योग घरानों से लेकर शिक्षाविद् तक हैं।

राघवन ने कहा कि इन 30 में से 20 समूह बहुत तेज रफ्तार से काम कर रहे हैं। उन्होंने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘भारत में बड़े उद्योगों से लेकर शिक्षाविदों तक करीब 30 समूह कोविड-19 के खिलाफ टीका विकसित करने की कोशिश में लगे हैं जिनमें से 20 अच्छी रफ्तार से काम कर रहे हैं।’

राघवन ने कहा कि सामान्य तौर पर टीका बनाने में करीब 10 साल लगते हैं, लेकिन दुनिया भर में कोरोना वायरस के लिए एक साल के अंदर टीका बनाने के लक्ष्य के साथ काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि नई दवा बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम होता है और इसी तरह टीका बनाने में बहुत लंबा वक्त लगता है।

उन्होंने कहा कि कई प्रयास विफल हो जाते हैं और इस तरह आपको बहुत कोशिशें करनी होती हैं। राधवन ने कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और एआईसीटीई ने भी दवा बनाने के प्रयास शुरू किए हैं।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने गुरुवार को कहा कि भारत में करीब 30 समूह कोरोना वायरस के खिलाफ टीका विकसित करने की कोशिश में लगे हैं, जिनमें बड़े उद्योग घरानों से लेकर शिक्षाविद् तक हैं।

राघवन ने कहा कि इन 30 में से 20 समूह बहुत तेज रफ्तार से काम कर रहे हैं। उन्होंने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘भारत में बड़े उद्योगों से लेकर शिक्षाविदों तक करीब 30 समूह कोविड-19 के खिलाफ टीका विकसित करने की कोशिश में लगे हैं जिनमें से 20 अच्छी रफ्तार से काम कर रहे हैं।’

राघवन ने कहा कि सामान्य तौर पर टीका बनाने में करीब 10 साल लगते हैं, लेकिन दुनिया भर में कोरोना वायरस के लिए एक साल के अंदर टीका बनाने के लक्ष्य के साथ काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि नई दवा बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम होता है और इसी तरह टीका बनाने में बहुत लंबा वक्त लगता है।

उन्होंने कहा कि कई प्रयास विफल हो जाते हैं और इस तरह आपको बहुत कोशिशें करनी होती हैं। राधवन ने कहा कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और एआईसीटीई ने भी दवा बनाने के प्रयास शुरू किए हैं।




Source link

Leave a comment