Careful! Cheating In The Name Of Giving Plasma For The Treatment Of Corona – सावधान! कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा देने के नाम पर हो रही ठगी




अमर उजाला नेटवर्क, मुंबई
Updated Sun, 24 May 2020 05:30 AM IST

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कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबॉडी की मौजूदगी वाला ब्लड प्लाज्मा लेने की ऑनलाइन कोशिश आपको महंगी पड़ सकती है। पुलिस ने शनिवार को कहा कि साइबर ठगों के गिरोह कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों का प्लाज्मा बेचने के ऑफर देकर लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों के खून के प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी से अन्य गंभीर मरीजों के इलाज को प्रायोगिक तौर पर भारत और कई अन्य देशों में कुछ जगह अपनाया गया है। हालांकि अभी तक यह पूरी तरह साफ नहीं हो सका है कि इससे मरीज पूरी तरह ठीक हो रहे हैं या नहीं। लेकिन ठगों ने लोगों में इसे लेकर फैली भ्रांति का फायदा अपनी जेब भरने के लिए करना चालू कर दिया है। 

महाराष्ट्र साइबर पुलिस के स्पेशल आईजी यशस्वी यादव के मुताबिक, “साइबर ठगों की तरफ से इसे चमत्कारी इलाज बताते हुए डार्क नेट के जरिये बहुत सारे ऑनलाइन विज्ञापन दिए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी टीमें इसकी जांच कर रही हैं और उन्होंने ऐसे दावों के स्क्रीन शॉट भी हासिल कर लिए हैं। 

उन्होंने कहा, डार्कनेट पर मौजूद वेबसाइट्स इंटरनेट के दायरे में ही अनलिस्टेड और सीक्रेट नेटवर्कों पर चलती हैं। उन्होंने कहा, साइबर पुलिस ऐसी अवैध गतिविधियों की निगरानी के अलावा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट और गलत जानकारी फैलाने पर भी नजर रख रही है।

पहली बार धारा 149 के तहत भेजे गए हैं नोटिस

स्पेशल आईजी यशस्वी यादव ने बताया कि देश में पहली बार महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने ऑनलाइन आपत्तिजनक कंटेंट जारी करने के लिए सीआरपीसी की धारा 149 के तहत लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इस धारा के तहत पुलिस को कोई संभावित अपराध रोकने के लिए निरोधक कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है। 

उन्होंने बताया कि 122 लोगों को नोटिस भेजे गए थे, जिनमें 60 से ज्यादा ने नोटिस मिलने के बाद अपनी पोस्ट को ऑनलाइन प्लेटफार्मों से हटा लिया है। 

कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबॉडी की मौजूदगी वाला ब्लड प्लाज्मा लेने की ऑनलाइन कोशिश आपको महंगी पड़ सकती है। पुलिस ने शनिवार को कहा कि साइबर ठगों के गिरोह कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों का प्लाज्मा बेचने के ऑफर देकर लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीजों के खून के प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी से अन्य गंभीर मरीजों के इलाज को प्रायोगिक तौर पर भारत और कई अन्य देशों में कुछ जगह अपनाया गया है। हालांकि अभी तक यह पूरी तरह साफ नहीं हो सका है कि इससे मरीज पूरी तरह ठीक हो रहे हैं या नहीं। लेकिन ठगों ने लोगों में इसे लेकर फैली भ्रांति का फायदा अपनी जेब भरने के लिए करना चालू कर दिया है। 

महाराष्ट्र साइबर पुलिस के स्पेशल आईजी यशस्वी यादव के मुताबिक, “साइबर ठगों की तरफ से इसे चमत्कारी इलाज बताते हुए डार्क नेट के जरिये बहुत सारे ऑनलाइन विज्ञापन दिए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी टीमें इसकी जांच कर रही हैं और उन्होंने ऐसे दावों के स्क्रीन शॉट भी हासिल कर लिए हैं। 

उन्होंने कहा, डार्कनेट पर मौजूद वेबसाइट्स इंटरनेट के दायरे में ही अनलिस्टेड और सीक्रेट नेटवर्कों पर चलती हैं। उन्होंने कहा, साइबर पुलिस ऐसी अवैध गतिविधियों की निगरानी के अलावा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट और गलत जानकारी फैलाने पर भी नजर रख रही है।

पहली बार धारा 149 के तहत भेजे गए हैं नोटिस

स्पेशल आईजी यशस्वी यादव ने बताया कि देश में पहली बार महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने ऑनलाइन आपत्तिजनक कंटेंट जारी करने के लिए सीआरपीसी की धारा 149 के तहत लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इस धारा के तहत पुलिस को कोई संभावित अपराध रोकने के लिए निरोधक कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है। 

उन्होंने बताया कि 122 लोगों को नोटिस भेजे गए थे, जिनमें 60 से ज्यादा ने नोटिस मिलने के बाद अपनी पोस्ट को ऑनलाइन प्लेटफार्मों से हटा लिया है। 




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