न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 21 May 2020 01:29 AM IST
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
लिपुलेख और कालापानी को अपने नए नक्शे में दिखाने वाले नेपाल को भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने नेपाल के नए नक्शे पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी किया जाना, सीमा संबंधी मुद्दों को बातचीत के जरिये हल किए जाने की द्विपक्षीय समझ के विपरीत है। यह एकपक्षीय कार्रवाई है और ऐतिहासिक तथ्यों व प्रमाणों पर आधारित नहीं है। भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इस तरह से क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत ने इस तरह के अनुचित मानचित्रण से पड़ोसी देश को बचने को कहा। भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब नेपाल सरकार ने अपने संशोधित राजनीतिक एवं प्रशासनिक नक्शे में लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने क्षेत्र के तहत प्रदर्शित किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह का एकतरफा कार्य ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है। यह द्विपक्षीय समझ के विपरीत है, जो राजनयिक वार्ता के जरिए लंबित सीमा मुद्दों को सुलझाने की बात कहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्रिम तरीके से क्षेत्र में विस्तार के दावे को भारत स्वीकार नहीं करेगा।
अनुराग श्रीवास्तव ने नेपाल से भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहा और उम्मीद जताई कि नेपाली नेतृत्व लंबित सीमा मुद्दे के समाधान के संबंध में राजनयिक वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा। उन्होंने कहा कि नेपाल इस मामले में भारत के सतत रुख से अवगत हैं और हम नेपाल की सरकार से इस तरह के अनुचित मानचित्रण से बचने का आग्रह करते हैं तथा उनसे भारत सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहते हैं।
लिपुलेख और कालापानी को अपने नए नक्शे में दिखाने वाले नेपाल को भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने नेपाल के नए नक्शे पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए इसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी किया जाना, सीमा संबंधी मुद्दों को बातचीत के जरिये हल किए जाने की द्विपक्षीय समझ के विपरीत है। यह एकपक्षीय कार्रवाई है और ऐतिहासिक तथ्यों व प्रमाणों पर आधारित नहीं है। भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इस तरह से क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत ने इस तरह के अनुचित मानचित्रण से पड़ोसी देश को बचने को कहा। भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब नेपाल सरकार ने अपने संशोधित राजनीतिक एवं प्रशासनिक नक्शे में लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने क्षेत्र के तहत प्रदर्शित किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह का एकतरफा कार्य ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है। यह द्विपक्षीय समझ के विपरीत है, जो राजनयिक वार्ता के जरिए लंबित सीमा मुद्दों को सुलझाने की बात कहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्रिम तरीके से क्षेत्र में विस्तार के दावे को भारत स्वीकार नहीं करेगा।
अनुराग श्रीवास्तव ने नेपाल से भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहा और उम्मीद जताई कि नेपाली नेतृत्व लंबित सीमा मुद्दे के समाधान के संबंध में राजनयिक वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाएगा। उन्होंने कहा कि नेपाल इस मामले में भारत के सतत रुख से अवगत हैं और हम नेपाल की सरकार से इस तरह के अनुचित मानचित्रण से बचने का आग्रह करते हैं तथा उनसे भारत सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहते हैं।
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