डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, ढाका
Updated Thu, 14 May 2020 01:41 AM IST
दक्षिणी बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंपों में भीषण आग लगने से करीब 330 राहत शिविर जलकर खाक हो गए और 10 से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। ये आग कुटुपालांग रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में एक गैस सिलिंडर की दुकान में लगी और देखते ही देखते पूरे इलाके में फैल गई। दमकल कर्मचारियों के मुताबिक इस इलाके में तिरपाल और बांस से बने तमाम शिविर थे जिनमें लोगों का घर भी था और दुकानें भी थीं। इसलिए सिलिंडर की दुकान में आग लगते ही ये तेजी से फैली और आसपास की 330 से ज्यादा घरों और दुकानों को पूरी तरह राख कर दिया। इसके अलावा 300 से ज्यादा दूसरे ऐसे ही अस्थाई घरों और कैंपों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है।
दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविरों में से एक कुटुपलांग ढाका के कॉक्स बाजार इलाके में है और यहां 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। बांग्लादेश के डिप्टी रिफ्यूजी कमिश्नर शमसुद डौजा ने बताया कि घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है और आपात रेस्पांस टीम घायलों के अलावा आग से प्रभावित तमाम रोहिंग्या शरणार्थियों की हर संभव मदद कर रही है।
म्यांमार के रखाइन प्रांत में सैनिकों के जुल्म के बाद 2017 में वहां से करीब साढ़े सात लाख रोहिंग्या शरणार्थी यहां आए थे और कॉक्स बाजार में उनके लिए शरणार्थी शिविर बनाए गए थे। अब यहां की आबादी 10 लाख से ज्यादा हो गई है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को जानकारों ने ये पहले ही आगाह किया था कि इस इलाके में कभी भी ऐसे हादसे हो सकते हैं। 2018 में भी यहां ऐसी ही आग लगी थी जिसमें एक महिला और तीन बच्चों की मौत हो गई थी।
दक्षिणी बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंपों में भीषण आग लगने से करीब 330 राहत शिविर जलकर खाक हो गए और 10 से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। ये आग कुटुपालांग रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में एक गैस सिलिंडर की दुकान में लगी और देखते ही देखते पूरे इलाके में फैल गई। दमकल कर्मचारियों के मुताबिक इस इलाके में तिरपाल और बांस से बने तमाम शिविर थे जिनमें लोगों का घर भी था और दुकानें भी थीं। इसलिए सिलिंडर की दुकान में आग लगते ही ये तेजी से फैली और आसपास की 330 से ज्यादा घरों और दुकानों को पूरी तरह राख कर दिया। इसके अलावा 300 से ज्यादा दूसरे ऐसे ही अस्थाई घरों और कैंपों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है।
दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी शिविरों में से एक कुटुपलांग ढाका के कॉक्स बाजार इलाके में है और यहां 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। बांग्लादेश के डिप्टी रिफ्यूजी कमिश्नर शमसुद डौजा ने बताया कि घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है और आपात रेस्पांस टीम घायलों के अलावा आग से प्रभावित तमाम रोहिंग्या शरणार्थियों की हर संभव मदद कर रही है।
म्यांमार के रखाइन प्रांत में सैनिकों के जुल्म के बाद 2017 में वहां से करीब साढ़े सात लाख रोहिंग्या शरणार्थी यहां आए थे और कॉक्स बाजार में उनके लिए शरणार्थी शिविर बनाए गए थे। अब यहां की आबादी 10 लाख से ज्यादा हो गई है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को जानकारों ने ये पहले ही आगाह किया था कि इस इलाके में कभी भी ऐसे हादसे हो सकते हैं। 2018 में भी यहां ऐसी ही आग लगी थी जिसमें एक महिला और तीन बच्चों की मौत हो गई थी।
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