डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Updated Thu, 14 May 2020 01:49 AM IST
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सार
- कैबिनेट की बैठक में हुई गंभीर चर्चा, लॉकडाउन हटाने से तेजी से बढ़े मामले
- बाजारों और सड़कों पर उमड़े लोग, सिंध समेत तमाम शहरों में भीड़ बढ़ी
- सरकार ने कहा, अस्पतालों में नए मरीजों के लिए नहीं है जगह, सावधानी बरतें
विस्तार
बैठक की अध्यक्षता करते हुए इमरान खान ने कहा है कि सभी सरकारी विभागों को अपने अपने जरूरी काम और टारगेट एक हफ्ते के भीतर पूरा कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन जिन मंत्रालयों को सरकार ने काम का लक्ष्य दिया है, उसके लिए उनके पास एक हफ्ते का वक्त है, इस दौरान उन्हें पिछली सरकार की ओर से सभी मंत्रालयों में अहम पदों पर की गई गैरकानूनी नियुक्तियों की सूची बनाने से लेकर उस बारे में अपनी रिपोर्ट देनी है।
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में उन 39 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई जो चुनाव सुधारों और कानूनों को लेकर लंबित थे। यह संकेत भी दिए गए कि सरकार 18वें संविधान संशोधन विधेयक को वापस लेने को लेकर भी गंभीरता से काम कर रही है जिसे लेकर लंबे समय से सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं।
सूचना मंत्री शिबली फराज़ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में ये सख्त निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 को लेकर जितने भी दिशा निर्देश और एहतियात सरकार ने बताए हैं, उसका बेहद सख्ती से पालन हो। देश के अस्पतालों में अब इतनी जगह नहीं है कि नए मरीजों को रखा जा सके। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटाने की एक अहम वजह है कि सरकार लोगों को घर घर खाना नहीं पहुंचा सकती और पाकिस्तान जैसे कम संसाधन वाले और गंभीर आर्थिक मंदी वाले देश में ये जरूरी है कि लोग अपना अपना काम करें और अर्थव्यवस्था को धीरे धीरे पटरी पर लाया जा सके।
उधर कोरोना रिलीफ टाइगर फोर्स की एक बैठक में योजना और विकास मंत्री असद उमर ने कहा कि लॉकडाउन हटते ही बाज़ारों और सड़कों पर जिस तरह भीड़ नजर आ रही है, इससे ऐसा लगता है कि लोग ये मान चुके हैं कि कोरोना खत्म हो गया और सबकुछ सामान्य हो गया है, लेकिन ये सबसे बड़ी लापरवाही है और ऐसी असावधानी देश को नई मुश्किल में डाल सकता है।