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एआईआईबी ने कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के समन्वयित अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के तहत एआईआईबी कोविड-19 आपदा राहत सुविधा तैयार की है। सदस्यों के तत्काल आर्थिक, वित्तीय व सार्वजनिक स्वास्थ्य दबावों और त्वरित समर्थन के लिए प्रारंभिक तौर पर पांच से 10 अरब डॉलर का प्रबंध किया गया है।
बैंक ने बयान में कहा, ‘एआईआईबी के निदेशक मंडल ने देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों को मजबूत करके कोरोना वायरस द्वारा उत्पन्न खतरे को रोकने, इनका पता लगाने और प्रतिक्रिया देने के भारत के प्रयासों का समर्थन करने के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है।’
इसका वित्तपोषण एआईआईबी की आपदा राहत सुविधा के द्वारा किया गया है, जिसे महामारी से प्रभावित सदस्यों की तत्काल वित्तपोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है। भारत के वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे ने कहा कि एआईआईबी की यह सहायता महामारी अनुसंधान, सामुदायिक भागीदारी तथा जोखिम संचार को मजबूत करने में सरकार की मदद करेगी।
एआईआईबी के उपाध्यक्ष (निवेश संचालन) डीजे पांडियन ने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता एक लचीली स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना है, जिससे कोविड-19 के रोगियों का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सके और इसके प्रसार को रोका जा सके। यह फंड इस जरूरत को पूरा करेगा और भविष्य में होने वाली बीमारी के प्रकोपों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की भारत की क्षमता को मजबूत करेगा।’
एआईआईबी ने कहा कि भारत कोविड-19 आकस्मिक प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी परियोजना विश्व बैंक के साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी। एआईआईबी ने जनवरी 2016 में परिचालन शुरू किया और अब दुनिया भर में इसके 102 स्वीकृत सदस्य देश हैं।