अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा
Updated Fri, 08 May 2020 12:59 AM IST
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बृहस्पतिवार रात स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए फीस में कोई वृद्धि नहीं कर सकते। दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्कूल मौजूदा सत्र के लिए फीस ले सकते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधन को अध्यापकों को वेतन देना होगा। परिवहन शुल्क के बारे में भी उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान इसकी वसूली नहीं की जा सकती। इस बारे में उन्होंने शासनादेश का जिक्र किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी स्कूल लॉकडाउन अवधि में अग्रिम या त्रैमासिक जमा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
उन्होंने साफ कहा कि कोई भी स्कूल लॉकडाउन के दौरान किसी भी छात्र-छात्रा का नाम नहीं काट सकता। साथ ही, इस दौरान ऑनलाइन क्लास से भी किसी को नहीं रोका जा सकता।
उल्लंघन पर शिकायत करें
अगर इन दिशा-निर्देशों की कोई स्कूल अवहेलना करता है तो [email protected] पर शिकायत मेल कर सकता है। शिकायत पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम-2018 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
निर्देश न मानने पर स्कूल की मान्यता होगी रद्द
शासनादेश का उल्लंघन करने पर फीस वापस करने के साथ-साथ 1 लाख तक का जुर्माना स्कूल पर लगाया जा सकता है। दूसरी बार अगर उल्लंघन किया जाता है तो 5 लाख तक का जुर्माना, तीसरी बार में मान्यता तक वापस ली जा सकती है।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बृहस्पतिवार रात स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए फीस में कोई वृद्धि नहीं कर सकते। दिशा-निर्देशों के अनुसार, स्कूल मौजूदा सत्र के लिए फीस ले सकते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधन को अध्यापकों को वेतन देना होगा। परिवहन शुल्क के बारे में भी उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान इसकी वसूली नहीं की जा सकती। इस बारे में उन्होंने शासनादेश का जिक्र किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी स्कूल लॉकडाउन अवधि में अग्रिम या त्रैमासिक जमा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
उन्होंने साफ कहा कि कोई भी स्कूल लॉकडाउन के दौरान किसी भी छात्र-छात्रा का नाम नहीं काट सकता। साथ ही, इस दौरान ऑनलाइन क्लास से भी किसी को नहीं रोका जा सकता।
उल्लंघन पर शिकायत करें
अगर इन दिशा-निर्देशों की कोई स्कूल अवहेलना करता है तो [email protected] पर शिकायत मेल कर सकता है। शिकायत पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम-2018 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
निर्देश न मानने पर स्कूल की मान्यता होगी रद्द
शासनादेश का उल्लंघन करने पर फीस वापस करने के साथ-साथ 1 लाख तक का जुर्माना स्कूल पर लगाया जा सकता है। दूसरी बार अगर उल्लंघन किया जाता है तो 5 लाख तक का जुर्माना, तीसरी बार में मान्यता तक वापस ली जा सकती है।
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