Covid19, Corona Crisis, Where More Investigation,there Are More Infection – कोरोना संकटः जहां ज्यादा जांच, वहीं अधिक संक्रमण, 40 दिन के लॉकडाउन में मिले 32 हजार मरीज




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करीब 10 करोड़ की आबादी वाले बिहार में अब तक 25 हजार नमूनों यानी प्रति 10 लाख पर 250 लोगों की जांच हुई है। राज्य के 38 में से 13 जिले ग्रीन घोषित किए गए हैं। दूसरी तरफ, 7 करोड़ की आबादी वाले तमिलनाडु में 1.29 लाख लोगों यानी प्रति 10 लाख पर 1895 की जांच हुई है। नतीजा यह कै कि राज्य के 37 में से केवल एक ही जिला ग्रीन जोन है।

दोनों राज्यों के उदाहण के आधार पर  विशेषज्ञों का दावा है कि ज्यादा जांच वाले राज्यों में लाल और ऑरेंज जिलों की संख्या भी ज्यादा है। जांच का दायरा बढ़ने पर रेड और ऑरेंज जिलों की संख्या और बढ़ेगी। डाटा समीक्षा विशेषज्ञ जेम्स विल्सन के मुताबिक, भारत का नक्शा दो हिस्सों में दिखाई दे रहा है। एक ओर दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्य लाल व ऑरेंज दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर यूपी, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश ग्रीन जोन में नजर आते हैं। पता चलता है कि कम जांच वाले राज्यों में ग्रीन जिले ज्यादा हैं।

हालांकि कुछ छोटे राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने शुरु से ही जांच बढ़ाकर खुद को लाल जोन से बाहर कर लिया है। प्रति 10 लाख पर लद्दाख में 4766, गोवा में 1303 और त्रिपुरा में प्रति 1179 लोगों की जांच के बाद आज इनमें एक भी जिला रेड जोन में नहीं है।

लद्दाख और त्रिपुरा के दो-दो जिले ऑरेंज जोन में हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रेाल प्रोग्राम के एक अधिकारी ने बताया, यूपी में प्रति 10 लाख आबादी पर 338 लोगों की जांच हो रही है। यहां 19 लाल और 20 जिले ऑरेंज में हैं। मरीजों का आंकड़ा दो हजार पार जरूर पहुंच चुका है, लेकिन ज्यादात्तर दिल्ली की घटना से जुड़े हैं।

19 अप्रैल के बाद राज्यों ने दिखाई गंभीरता

आंकड़ों के मुताबिक, 19 से 30 अप्रैल के बीच राज्यों ने जांच पर फोकस किया है। इससे नए मरीजों की पहचान भी आसान हुई है। आंध्र प्रदेश में 280, तमिलनाडु में 254, ओडिशा में 252, त्रिपुरा में 245, पश्चिम बंगाल में 228, कर्नाटक में 222, झारखंड में 213, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में 172, हरियाणा में 151, पंजाब में 187 और उत्तराखंड में 108 फीसदी बढ़ोतरी।

दिल्ली एम्स के वरिष्ठ सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ का कहना है कि अभी भारत के पास पर्याप्त समय है। कोरोना की जांच का दायरा अगर जल्द ही नहीं बढ़ाया गया तो मरीजों का ग्राफ एक निश्चित गति में चलता ही रहेगा। दरअसल देश बीते 25 मार्च से लॉकडाउन है। आईसीएमआर के ही अनुसार, 31 मार्च के बाद से देश में जांच में 19 फीसदी इजाफा हुआ है।

31 मार्च तक देश में 47,852, 30 अप्रैल तक 9.02 लाख नमूनों की जांच हो चुकी है। 31 मार्च तक देश में 1397 मरीज थे, जो 30 अप्रैल तक बढ़कर 33,610 हो गए। यानी 19 फीसदी जांच बढ़ने से 24 फीसदी मरीजों में वृद्धि दर्ज की गई है।

धीरे धीरे ही सही पर बढ़ रही जांच

31 मार्च तक 125 सरकारी और 51 प्राइवेट लैब जांच
30 अप्रैल तक 298 सरकारी और 99 प्राइवेट लैब जांच
यानी सरकारी लैब 138 फीसदी  निजी लैब 94 फीसदी बढ़ीं

जहां जांच ज्यादा, वहां यह है स्थिति

  • राज्य          जांच      रेड        ऑरेंज     ग्रीन

  • दिल्ली        2151      11           —      —

  • तमिलनाडू   1583      12           24      01

  • महाराष्ट्र        1174     14           16       6

  • गुजरात            929    09          19       05

  • जम्मू कश्मीर   1484     04           12       04

  • आंध्र प्रदेश     1951     05           07       01

  • राजस्थान        1264     08            19     16

जहां 1 हजार मौत, वहां जांच की स्थिति

देश              जांच
जर्मनी         13.70
भारत            7.70
अमेरिका       5.59
कनाडा         4.01
स्विजरलैंड     2.11
आयरलैंड      1.53
यूके              1.27
फ्रांस             1.07

 

सार

  • 40 दिन के दो लॉकडाउन में जांच 19 फीसदी बढ़ी तो 32 हजार मरीज मिले
  • 10 करोड़ की आबादी वाले बिहार में 25 हजार की जांच, 38 में से 13 ग्रीन जिले
  • 7 करोड़ जनसंख्या वाले तमिलनाडु में 1.29 लाख की जांच, 37 में सिर्फ एक ग्रीन जिला

विस्तार

करीब 10 करोड़ की आबादी वाले बिहार में अब तक 25 हजार नमूनों यानी प्रति 10 लाख पर 250 लोगों की जांच हुई है। राज्य के 38 में से 13 जिले ग्रीन घोषित किए गए हैं। दूसरी तरफ, 7 करोड़ की आबादी वाले तमिलनाडु में 1.29 लाख लोगों यानी प्रति 10 लाख पर 1895 की जांच हुई है। नतीजा यह कै कि राज्य के 37 में से केवल एक ही जिला ग्रीन जोन है।

दोनों राज्यों के उदाहण के आधार पर  विशेषज्ञों का दावा है कि ज्यादा जांच वाले राज्यों में लाल और ऑरेंज जिलों की संख्या भी ज्यादा है। जांच का दायरा बढ़ने पर रेड और ऑरेंज जिलों की संख्या और बढ़ेगी। डाटा समीक्षा विशेषज्ञ जेम्स विल्सन के मुताबिक, भारत का नक्शा दो हिस्सों में दिखाई दे रहा है। एक ओर दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्य लाल व ऑरेंज दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर यूपी, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश ग्रीन जोन में नजर आते हैं। पता चलता है कि कम जांच वाले राज्यों में ग्रीन जिले ज्यादा हैं।

हालांकि कुछ छोटे राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने शुरु से ही जांच बढ़ाकर खुद को लाल जोन से बाहर कर लिया है। प्रति 10 लाख पर लद्दाख में 4766, गोवा में 1303 और त्रिपुरा में प्रति 1179 लोगों की जांच के बाद आज इनमें एक भी जिला रेड जोन में नहीं है।

लद्दाख और त्रिपुरा के दो-दो जिले ऑरेंज जोन में हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रेाल प्रोग्राम के एक अधिकारी ने बताया, यूपी में प्रति 10 लाख आबादी पर 338 लोगों की जांच हो रही है। यहां 19 लाल और 20 जिले ऑरेंज में हैं। मरीजों का आंकड़ा दो हजार पार जरूर पहुंच चुका है, लेकिन ज्यादात्तर दिल्ली की घटना से जुड़े हैं।

19 अप्रैल के बाद राज्यों ने दिखाई गंभीरता

आंकड़ों के मुताबिक, 19 से 30 अप्रैल के बीच राज्यों ने जांच पर फोकस किया है। इससे नए मरीजों की पहचान भी आसान हुई है। आंध्र प्रदेश में 280, तमिलनाडु में 254, ओडिशा में 252, त्रिपुरा में 245, पश्चिम बंगाल में 228, कर्नाटक में 222, झारखंड में 213, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में 172, हरियाणा में 151, पंजाब में 187 और उत्तराखंड में 108 फीसदी बढ़ोतरी।


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 जल्द बढ़ाना होगा जांच का दायरा…




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