एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला, Updated Wed, 22 Apr 2020 01:41 PM IST
नाट्स शास्त्र में अभिनय को कुल नौ रसों में बांटा गया है। सभी रसों में बिना पारंगत हुए कोई भी उत्तम अभिनेता/अभिनेत्री की श्रेणी में शामिल नहीं हो सकता है। हालांकि हिंदी सिनेमा जगत में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बीच नए कलाकारों में यह तथ्य कुछ खो सा गया है। उनका मानना है कि इंडस्ट्री में अपना पैर जमाने के लिए किसी एक जॉनर को पकड़कर रखना पड़े तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि चंद फिल्मों के बाद ही उन्हें अहसास हो जाता है कि ये पब्लिक है सब जानती है, जिसे खुश रखने के लिए अपनी सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना ही होगा। ऐसा ही कुछ विद्युत जामवाल के साथ भी हो रहा है।