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केंद्रीय टीम का यह अनुमान विशेषोज्ञों के बीच बहस का मुद्दा बन गया है। यह भी कहा जा रहा है कि इतने अधिक कोरोना पॉजिटिव होने की अनुमान जताकर केंद्रीय टीम ने कोरोना वायरस से निपटने की राज्य सरकार के प्रयासों की अनदेखी कर दी है। बहरहाल, कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव मनोज जोशी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की टीम दो दिनों से मुंबई में है। बुधावर को इस टीम ने धारावी इलाके का दौरा भी किया। इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी मौजूद थे। इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय टीम ने वरली कोलीवाडा सहित अन्य कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों को दौरा किया था।
स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने भी संख्या बढ़ने की जताई थी आशंका
इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी मुंबई-पुणे में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई थी। लेकिन, मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि केंद्रीय टीम ने इस संबंध में हमें कोई ऐसा डाटा उपलब्ध नहीं कराया है। जबकि अंदरखाने अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है उसे देखते हुए केंद्रीय टीम के अनुमान के आधार पर तैयारी की जरूरत है।
केंद्रीय टीम के अनुमान के तहत काम पर जुटें अधिकारी
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मेयर बंगले पर आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे केंद्रीय टीम के अनुमान का संज्ञान लें। भले ही यह आंकड़ा हमारे अनुमान से अधिक है, लेकिन उसके तहत काम करें। वहीं, एक अधिकारी ने कहा कि हम केंद्रीय टीम के अनुमान को खारिज नहीं कर रहे हैं। लेकिन यदि झुग्गी बस्तियों में यदि दूरी बनाने के नियम का पालन किया गया तो अनुमानित आंकड़ों को नियंत्रित किया जा सकता है।
कहां से आया यह आंकड़ा-भुजबल
कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मुंबई में साढे छह लाख से अधिक लोगों के कोरोना संक्रमित होने के दावे को ही गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा कहां से आया। इसकी जांच होनी चाहिए। भुजबल ने कहा कि मुंबई की जनसंख्या डेढ़ करोड़ है। ऐसे में अभी तक जो कोरोना संक्रमण के आंकड़े सामने आए है उस लिहाज से मुंबई में कोरोना संक्रमण की भविष्यवाणी बढ़ाचढ़ाकर की गई है।