ख़बर सुनें
डीपीआईआईटी ने बताया, भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निकाय अब यहां सिर्फ सरकार की मंजूरी के बाद ही निवेश कर सकते हैं। भारत में होने वाले किसी निवेश के लाभार्थी भी यदि इन देशों से होंगे या इन देशों के नागरिक होंगे, तो ऐसे निवेश के लिए भी सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी।
सरकार के इस निर्णय से चीन जैसे देशों से आने वाले विदेशी निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर घरेलू कंपनियों को प्रतिकूल परिस्थितियों का फायदा उठाते हुये बेहतर अवसर देखकर खरीदने की कोशिशों को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
पाकिस्तान के निवेशकों पर इस तरह की शर्त पहले से लागू है। पाकिस्तान का कोई नागरिक अथवा पाकिस्तान में बनी कोई भी कंपनी केवल सरकारी मंजूरी के जरिये ही प्रतिबंधित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकते हैं। रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा और कुछ अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश प्रतिबंधित है।
बयान में कहा गया कि सरकार ने मौजूदा हालात का फायदा उठाकर भारतीय कंपनियों को खरीदने की हो सकने वाली कोशिशों को रोकने के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की समीक्षा की गई है।
विभाग ने बताया कि किसी भारतीय कंपनी में मौजूदा एफडीआई या भविष्य के एफडीआई से मालिकाना हक बदलता है और इस तरह के सौदों में लाभार्थी भारत से सीमा साझा करने वाले देशों में स्थित होता है या वहां का नागरिक है, तो इनके लिए भी सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी।
Ai đang tìm hiểu chủ đề này nên đọc kỹ bài này.
Trang web https://co88.org/ lừa đảo, nội dung đồi trụy
Trang web https://co88.org/ lừa đảo, nội dung đồi trụy
Web lừa đảo, đánh cắp thông tin người dùng, cảnh báo không nên truy cập!