50वें पृथ्वी दिवस के खास मौके पर दिग्गज संगीतकार डॉ एल सुब्रमण्यम, अभय के और कविता कृष्णमूर्ति का अर्थ एंथम सामने आया है। इस एंथम के बोल लिखे हैं कवि अभय कुमार ने और म्यूजिक तैयार किया है खुद डॉ एल सुब्रमण्यम ने, वहीं इस एंथम को आवाज कविता कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम और बिंदु सुब्रमण्यम ने दी है।
अर्थ एंथम को अभय के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। दो मिनट सात सेकेंड के इस वीडियो की शुरुआत हरियाली से हो रही है, वहीं इसके बाद पृथ्वी का दृश्य दिखाया जाता है और इसके बाद धीरे धीरे पृथ्वी के अलग अलग हिस्सों को दिखाते हुए गाना आगे बढ़ता है। इसके आगे वीडियो में अलग अलग जगह के लोग दिखाए देते हैं और वहीं गाने से मैसेज मिलता है कि हम सब एक ही हैं।
बता दें कि इस वीडियो से एक बड़ा मैसेज उस वक्त पूरी दुनिया को जाता है जब पूरा विश्व कोरोना वायरस जैसी गंभीर बिमारी से जूझ रहा है। अर्थ एंथम से संदेश मिलता है कि हम चाहे जिस भी देश के नागरिक हों, किसी भी रंग, धर्म व वर्ण से, लेकिन हम खुद को पूरी तरह दुनिया से अलग नहीं कर सकते, ठीक उसी तरह पर्यावरण, प्रदूषण, जैव विविधता और जलवायु से होने वाली हानि हम सबको प्रभावित करता है।
50वें पृथ्वी दिवस के खास मौके पर दिग्गज संगीतकार डॉ एल सुब्रमण्यम, अभय के और कविता कृष्णमूर्ति का अर्थ एंथम सामने आया है। इस एंथम के बोल लिखे हैं कवि अभय कुमार ने और म्यूजिक तैयार किया है खुद डॉ एल सुब्रमण्यम ने, वहीं इस एंथम को आवाज कविता कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम और बिंदु सुब्रमण्यम ने दी है।
अर्थ एंथम को अभय के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। दो मिनट सात सेकेंड के इस वीडियो की शुरुआत हरियाली से हो रही है, वहीं इसके बाद पृथ्वी का दृश्य दिखाया जाता है और इसके बाद धीरे धीरे पृथ्वी के अलग अलग हिस्सों को दिखाते हुए गाना आगे बढ़ता है। इसके आगे वीडियो में अलग अलग जगह के लोग दिखाए देते हैं और वहीं गाने से मैसेज मिलता है कि हम सब एक ही हैं।
बता दें कि इस वीडियो से एक बड़ा मैसेज उस वक्त पूरी दुनिया को जाता है जब पूरा विश्व कोरोना वायरस जैसी गंभीर बिमारी से जूझ रहा है। अर्थ एंथम से संदेश मिलता है कि हम चाहे जिस भी देश के नागरिक हों, किसी भी रंग, धर्म व वर्ण से, लेकिन हम खुद को पूरी तरह दुनिया से अलग नहीं कर सकते, ठीक उसी तरह पर्यावरण, प्रदूषण, जैव विविधता और जलवायु से होने वाली हानि हम सबको प्रभावित करता है।