101 Former Bureaucrats Write Letter To Chief Ministers About Muslim Oppression – 101 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख उठाया मुस्लिम उत्पीड़न का मामला




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 25 Apr 2020 07:38 AM IST

जामा मस्जिद (फाइल फोटो)
– फोटो : Pexels.com

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देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण के इस दौर में मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को लिखे पत्र में कहा कि देश के कुछ हिस्सों से मुस्लिम उत्पीड़न की खबरें आई हैं। तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के बाद ऐसी खबरें ज्यादा आईं।

पत्र में सरकारी निर्देशों की अनदेखी कर जलसा करने पर तब्लीगी जमात की निंदा की गई है। हालांकि इसके आधार पर मीडिया के एक वर्ग ने इसे सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया, जो पूरी तरह गैर-जिम्मेदार और निंदनीय है।

महामारी के चलते बने असुरक्षा के माहौल को कई जगहों पर मुस्लिम के खिलाफ इस्तेमाल किया गया। हम किसी सियासी विचारधारा से नहीं जुड़े हैं, बल्कि ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिनका संविधान पर असर पड़ता है।

बिना भेदभाव के हो मदद

पत्र में अनुरोध किया है कि वे जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दें कि राज्य में किसी समुदाय का बहिष्कार न हो। साथ ही सभी सुविधाएं बिना भेदभाव के मिले। पत्र लिखने वालों में पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व आईपीएस एएस दुलत तथा जूलियो रिबेरियो, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, नजीब जंग और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी शामिल हैं।

कोई भेदभाव नहीं

पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में सारा देश एकजुट है और सभी स्वास्थ्यकर्मी और प्रशासन बिना किसी भेदभाव के इस लड़ाई में मदद कर रहा है।
– शाहनवाज हुसैन, प्रवक्ता भाजपा

देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण के इस दौर में मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को लिखे पत्र में कहा कि देश के कुछ हिस्सों से मुस्लिम उत्पीड़न की खबरें आई हैं। तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के बाद ऐसी खबरें ज्यादा आईं।

पत्र में सरकारी निर्देशों की अनदेखी कर जलसा करने पर तब्लीगी जमात की निंदा की गई है। हालांकि इसके आधार पर मीडिया के एक वर्ग ने इसे सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया, जो पूरी तरह गैर-जिम्मेदार और निंदनीय है।

महामारी के चलते बने असुरक्षा के माहौल को कई जगहों पर मुस्लिम के खिलाफ इस्तेमाल किया गया। हम किसी सियासी विचारधारा से नहीं जुड़े हैं, बल्कि ऐसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिनका संविधान पर असर पड़ता है।

बिना भेदभाव के हो मदद

पत्र में अनुरोध किया है कि वे जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दें कि राज्य में किसी समुदाय का बहिष्कार न हो। साथ ही सभी सुविधाएं बिना भेदभाव के मिले। पत्र लिखने वालों में पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व आईपीएस एएस दुलत तथा जूलियो रिबेरियो, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, नजीब जंग और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी शामिल हैं।

कोई भेदभाव नहीं

पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में सारा देश एकजुट है और सभी स्वास्थ्यकर्मी और प्रशासन बिना किसी भेदभाव के इस लड़ाई में मदद कर रहा है।
– शाहनवाज हुसैन, प्रवक्ता भाजपा




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