न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 23 Apr 2020 08:14 PM IST
कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
– फोटो : एएनआई
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उन्होंने राज्य में उच्च मृत्यु दर को समझने और इसे रोकने के लिए कोविड से होने वाली हर मृत्यु की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेषज्ञ टीम के नेतृत्व में महामारी को रोकने संबंधी उपायों को और मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को यह जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बताया कि राज्य सरकार कोविड संकट से निपटने के लिए विशेषज्ञों के ग्रुप के नेतृत्व से काम कर रही है।
विशेषज्ञों के इस ग्रुप में पीजीआई के पूर्व डायरेक्टर डॉ. केके तलवार, बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट के उप कुलपति डॉ. राज बहादुर, पीजीआई के जन स्वास्थ्य स्कूल के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश कुमार के अलावा पीजीआई और जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
कैप्टन ने कहा कि राज्य में उच्च मृत्यु दर का कारण कोरोना के साथ अन्य बीमारियों के होने के अलावा लोगों का स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार है कि मरीज अस्पताल में देरी से आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 6.2 प्रतिशत की उच्च मृत्यु दर के बावजूद पंजाब में कोविड-19 की वृद्धि दर भारत के मुकाबले कम है क्योंकि पंजाब में 16 दिनों बाद मामलों की संख्या दोगुनी हुई है।
वहीं राष्ट्रीय औसत के अनुसार 9 दिनों में मामलों की संख्या दोगुनी हो रही है। उन्होंने राज्य में कोविड-19 की प्रभावशाली रोकथाम का खुलासा करते हुए बताया कि 31 मार्च तक भारत के कुल मामलों में से पंजाब का हिस्सा 2.57 प्रतिशत था जोकि तीन हफ्तों बाद अब कम होकर 22 अप्रैल तक 1.22 प्रतिशत रह गया है। इसी तरह कोविड-19 की स्थिति पंजाब में बाकी देश की अपेक्षा बेहतर है।
कैप्टन ने नवांशहर का उदाहरण दिया। जहां प्रभावशाली ढंग से पाबंदी लगाकर बेहतर नतीजे सामने आए हैं, जिसकी भारत सरकार ने भी सराहना की है। उन्होंने मीटिंग में जानकारी देते हुए बताया कि नवांशहर जो देश के पहले हॉटस्पॉट क्षेत्रों में से एक था। वहां 18 कोरोना पीड़ित मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं।
शुरुआत में ग्रंथी बलदेव सिंह की मृत्यु जरूर हुई थी लेकिन 26 मार्च के बाद कोई नया केस सामने नहीं आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की तुलना केरल और गुजरात से की जानी चाहिए क्योंकि वह भी ज्यादा एनआरआई आबादी वाले राज्य हैं। उन्होंने बताया कि प्रति मिलियन आबादी के हिसाब से गुजरात की अपेक्षा पंजाब बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और यहां केरल की अपेक्षा भी कम मामले हैं। (पंजाब में प्रति मिलियन 9 और केरल में प्रति मिलियन 12 मामले हैं)।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उन्होंने राज्य में उच्च मृत्यु दर को समझने और इसे रोकने के लिए कोविड से होने वाली हर मृत्यु की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेषज्ञ टीम के नेतृत्व में महामारी को रोकने संबंधी उपायों को और मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को यह जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान दे रहे थे, जिसमें उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बताया कि राज्य सरकार कोविड संकट से निपटने के लिए विशेषज्ञों के ग्रुप के नेतृत्व से काम कर रही है।
विशेषज्ञों के इस ग्रुप में पीजीआई के पूर्व डायरेक्टर डॉ. केके तलवार, बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट के उप कुलपति डॉ. राज बहादुर, पीजीआई के जन स्वास्थ्य स्कूल के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश कुमार के अलावा पीजीआई और जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
कैप्टन ने कहा कि राज्य में उच्च मृत्यु दर का कारण कोरोना के साथ अन्य बीमारियों के होने के अलावा लोगों का स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार है कि मरीज अस्पताल में देरी से आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 6.2 प्रतिशत की उच्च मृत्यु दर के बावजूद पंजाब में कोविड-19 की वृद्धि दर भारत के मुकाबले कम है क्योंकि पंजाब में 16 दिनों बाद मामलों की संख्या दोगुनी हुई है।
वहीं राष्ट्रीय औसत के अनुसार 9 दिनों में मामलों की संख्या दोगुनी हो रही है। उन्होंने राज्य में कोविड-19 की प्रभावशाली रोकथाम का खुलासा करते हुए बताया कि 31 मार्च तक भारत के कुल मामलों में से पंजाब का हिस्सा 2.57 प्रतिशत था जोकि तीन हफ्तों बाद अब कम होकर 22 अप्रैल तक 1.22 प्रतिशत रह गया है। इसी तरह कोविड-19 की स्थिति पंजाब में बाकी देश की अपेक्षा बेहतर है।
कैप्टन ने नवांशहर का उदाहरण दिया। जहां प्रभावशाली ढंग से पाबंदी लगाकर बेहतर नतीजे सामने आए हैं, जिसकी भारत सरकार ने भी सराहना की है। उन्होंने मीटिंग में जानकारी देते हुए बताया कि नवांशहर जो देश के पहले हॉटस्पॉट क्षेत्रों में से एक था। वहां 18 कोरोना पीड़ित मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं।
शुरुआत में ग्रंथी बलदेव सिंह की मृत्यु जरूर हुई थी लेकिन 26 मार्च के बाद कोई नया केस सामने नहीं आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की तुलना केरल और गुजरात से की जानी चाहिए क्योंकि वह भी ज्यादा एनआरआई आबादी वाले राज्य हैं। उन्होंने बताया कि प्रति मिलियन आबादी के हिसाब से गुजरात की अपेक्षा पंजाब बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और यहां केरल की अपेक्षा भी कम मामले हैं। (पंजाब में प्रति मिलियन 9 और केरल में प्रति मिलियन 12 मामले हैं)।
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